किसान आंदोलन बार-बार हो रहे हैं, इसका मुख्य कारण किसानों की लगातार बढ़ती समस्याएं हैं। इनमें से कुछ प्रमुख कारण हैं:
1. न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP): किसानों की सबसे बड़ी मांग न्यूनतम समर्थन मूल्य को कानूनी रूप से लागू करने की है। वे चाहते हैं कि सरकार MSP को लागत के डेढ़ गुना के बराबर तय करे।
2. कृषि कानून: 2020 में पारित तीन कृषि कानूनों को किसानों ने किसान विरोधी बताया था। इन कानूनों को वापस लेने की मांग को लेकर 2020-2021 में एक साल तक आंदोलन चला था।
3. कर्ज माफी: किसानों पर भारी कर्ज का बोझ है। वे कर्ज माफी और कर्ज माफी की मांग करते हैं।
4. बिजली बिल: किसानों को मुफ्त बिजली देने की मांग भी एक प्रमुख मुद्दा है।
5. फसलों का उचित मूल्य: किसानों को अपनी फसलों का उचित मूल्य नहीं मिल पाता है। वे अपनी फसलों के लिए उचित मूल्य की मांग करते हैं।
6. जल संकट: जल संकट भी किसानों के लिए एक बड़ी समस्या है। वे सिंचाई के लिए पानी की उचित व्यवस्था की मांग करते हैं।
7. बीमा: किसानों को फसल बीमा और अन्य बीमा योजनाओं का लाभ नहीं मिल पाता है। वे इन योजनाओं में सुधार की मांग करते हैं।
8. बाजार व्यवस्था: किसानों को अपनी फसलों के लिए बाजार नहीं मिल पाता है। वे उचित बाजार व्यवस्था की मांग करते हैं।
9. कृषि अनुसंधान और विकास: किसानों को कृषि अनुसंधान और विकास में भागीदारी की मांग करते हैं।
10. कृषि शिक्षा: किसानों को कृषि शिक्षा और प्रशिक्षण की मांग करते हैं।
आंदोलन के परिणाम:
किसानों के आंदोलन के परिणामस्वरूप सरकार ने कुछ मांगों को मान लिया है। सरकार ने तीन कृषि कानूनों को वापस ले लिया है।
निष्कर्ष:
किसानों की समस्याएं जटिल हैं और इनका समाधान आसान नहीं है। सरकार को किसानों की समस्याओं को गंभीरता से लेना चाहिए और उनके समाधान के लिए ठोस कदम उठाने चाहिए।
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